hanuman chalisa No Further a Mystery
hanuman chalisa No Further a Mystery
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भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं।
Conditions will probably be ended, all pains will likely be absent, every time a devotee consistently repeats Hanuman the courageous’s identify.
सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै ।
[23] Lutgendorf writes, "The afterwards identification of Hanuman as one of several eleven rudras could reflect a Shaiva sectarian declare on an increasing preferred god, What's more, it suggests his kinship with, and as a result probable Management above, a category of great and ambivalent deities". Lutgendorf also writes, "Other competencies in Hanuman's resume also appear to derive partly from his windy patrimony, reflecting Vayu's position in each body and cosmos".[twelve] According to a review by Lutgendorf, some scholars state the earliest Hanuman murtis appeared in the 8th century, but verifiable evidence of Hanuman images and inscriptions seem within the tenth century in Indian monasteries in central and north India.[108]
ब्रह्मकी दो शक्तियाँ हैं — पहली स्थित्यात्मक और दूसरी गत्यात्मक। श्री हनुमन्तलाल जी गत्यात्मक क्रिया शक्ति हैं अर्थात् निरन्तर रामकाज में संनद्ध रहते हैं।
1 who recites this Chalisa 100 situations is unveiled from all bondages and can attain good bliss.
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।
मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।
O partial incarnation of Lord shiva, giver of Pleasure to King Kesari. Your great majesty is revered by The full world.
हर बाधाओं को दूर करने हेतु, तनाब मुक्त रहने के लिए, यात्रा प्रारंभ से पहले, बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु एवं मनोकामनाएं सिद्धि के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?
व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।
“Your glory is for each of the four yugas, Your greatness is very click here well known all through the world, and illuminates the planet.”
भावार्थ– आपने अत्यन्त लघु रूप धारण कर के माता सीता जी को दिखाया और अत्यन्त विकराल रूप धारण कर लंका नगरी को जलाया।